Asirgarh Fort मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले स्थित भारत का एक रहस्यमय किला है | इस किले की शैली और स्थापत्य कला लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है | इस किले में पूरातत्व विभाग को कुछ रहस्यमय चीजों का पता चला
है | यह रहस्यमय किला बुरहानपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर सतपुरा पहाड़ी पर
स्थित है | असीरगढ़ किला समुद्र तल से 250 फुट की ऊंचाई पर स्थित है | इस किले की
गिनती उन किलों में की जाती है ,जो अजेय माने जाते थे | यह किला ऊंचाई पर होने के
कारण इसे जीत पाना मुश्किल होता था |यह किला एतिहासिक द्रष्टि से बहुत महत्त्व रखता था | इस किले को “दक्खन की कुंजी” कहा जाता था |क्युकी इस किले पर विजय प्राप्त होने के पश्चात् दक्षिण का द्वार खुल जाता था ,और
विजेता का सम्पूर्ण खानदेश क्षेत्र पर अधिपत्य स्थापित हो जाता था |
1. असीरगढ़ का इतिहास History of Asirgarh Fort:
कुछ इतिहासकार इस किले को रामायण काल का बताते हैं| इसका निर्माण
यादव वंश के क्षत्रीय राजा आशा अहीर ने करवाया था | इस किले का निर्माण 15 वीं
शताब्दी में कराया गया था| यह किला ईंट , मिट्टी ,चूना और पत्थरों की ऊंची दीवारों
से बनाया गया है | इस तरह आशा अहीर के द्वारा बनाए गए इस किले का नाम असीरगढ़ हो
गया | कुछ समय के बाद असीरगढ़ की प्रसिद्धि दूर दूर तक फ़ैल गई | फिरोजशाह तुगलक के
एक सिपाही मलिक खां के पुत्र नासिर खां को असीरगढ़ की प्रसिद्धि ने प्रभावित किया |
वह बुरहानपुर आया और आशा अहीर से भेंट कर उससे किले में रहने की अनुमति हासिल कर
ली | एक दिन मौका पाकर उसने आशा अहीर और उसके परिवार की हत्या करदी ,और किले पर
कब्ज़ा कर लिया|
इसके कुछ समय पश्चात् नासिर खां के वंशज मीरान बहादुर खां ने अपनी
स्वतंत्रता की घोषणा की और मुग़ल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार करने से इनकार
कर दिया | जिससे नाराज होकर अकबर ने 1599 में असीरगढ़ किले की ओर कूच किया और शहर
पर कब्ज़ा कर लिया | कुछ समय तक किले का घिराव करने के बाद 1601 में असीरगढ़ किले में अकबर को विजय
प्राप्त हुई | इस प्रकार असीरगढ़ और बुरहानपुर पर मुग़लों का अधिपत्य स्थापित होने
के बाद फारूकी वंश का पतन हो गया | अकबर के शासन के पश्चात् यह किला सन 1760 से सन 1899 तक मराठों के अधिकार में रहा | मराठों
की अंग्रेजों से हार के पश्चात् इस किले पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया | सन 1904
से यहाँ अंग्रेजी सेना निवास करती थी |
असीरगढ़ किला तीन भागों में विभाजित है | ऊपर का भाग असीरगढ़ ,मध्य भाग कमरगढ़, और
निचला भाग मलयगढ़ कहलाता है |
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2. असीरगढ़ किले की स्थापत्य कला Architecture Of Asirgarh Fort
किले की वास्तुकला मुग़लों से प्रभावित है | इस किले में इस्लामी ,फारसी
,तुर्की और भारतीय शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है| जल आपूर्ती के लिए तीन
मानव निर्मित तालाब हैं | इस किले के भीतर एक मंदिर है, जिसे गुप्तेश्वर महादेव मंदिर कहा
जाता है | यह मंदिर हिन्दू देवता शिव को समर्पित है | इस किले के अंदर मीनारों
वाली एक मस्जिद है ,जिसे असीर मस्जिद के नाम से जाना जाता है | यह मस्जिद अब खंडहर
में बदल चुकी है | कुछ खंडहर यहाँ ब्रिटिश मूल के हैं ,और ब्रिटिश कब्रें भी हैं |
यह किला अंग्रेजों के जाने के बाद वीरान पड़ा है |
3. क्या है, असीरगढ़ किले का रहस्य? What is The Secret of Asirgarh Fort
हाल ही में असीरगढ़ की खुदाई में पुरातत्व विभाग को कुछ रहस्यमय
वस्तुओं का पता चला है | असीरगढ़ की खुदाई में एक किले का पता चला है ,कहा जा रहा
है की यह किला रानी के लिय बनाया गया था | यह किला 20 फिट गहरा है ,तथा इसमें रहस्यमय तरीके से
कमरे बने हैं | इस महल में स्वीमिंग पूल और जेल भी है | कहा जाता है की इस किले
में स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में अश्वत्थामा अभी भी यहाँ पूजा करने आता है |
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4. असीरगढ़ किले के पास घुमने की जगहें Places to Visit Near Asirgarh Fort
असीरगढ़ किला एक इतेहसिक और महत्वपूर्ण किला है | यह दक्षिण भारत का
प्रवेश द्वार कहलाता था | ये अपनी शानदार वास्तुकला के कारण पर्यटकों को अपनी ओर
आकर्षित करता है | असीरगढ़ किले के आस पास और भी देखने लायक स्थल हैं ,जिन्हें आप
अपनी असीरगढ़ की यात्रा में शामिल कर सकते हैं |
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जामा मस्जिद Jama Masjid
Jama Masjid Burhanpur |
निर्माण 1421 में किया गया था | इस मस्जिद का नाम बीबी मस्जिद था |वर्तमान जमा मस्जिद
का निर्माण कार्य 1590 में आदिल शाह द्वारा शुरू किया गया था ,और
1595 में पूरा किया गया था |यह इस्लामी वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है |
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शाही किला Shahi Qila
Shahi Qila Burhanpur |
ताप्ति नदी के तट पर स्थित एक राजसी महल है | इसका निर्माण 1500 CE के
आस पास फारुकी राजवंश के शासकों द्वारा किया गया था | यह एक सात मंजिला ईमारत है |
इसकी छत प्रभावशाली ढंग से बनाई गई है | इस किले में दीवाने –ए-ख़ास और दीवाने-ए-आम
भी हैं | यह किला एक भूलभुलैया की तरह बाया गया है |
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अहुखाना Ahukhana
Ahukhana Burhanpur |
स्थल है | इसी स्थान पर बादशाह शाहजहाँ की पत्नी मुमताज़ महल को दफनाया गया था | बादमे
उनके शरीर को आगरा ले जाया गया था | यह स्मारक 16 वीं शताब्दी में बनाया गया था | अहुखाना एक
छोटा सा महल है | जिसके आस पास छः मील पर फैला बगीचा है |
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काला ताज Black Taj
Black Taj Burhanpur |
यह बुरहानपुर के प्रमुख स्थलों में से एक है | काला ताज उतालवी नदी
के तट पर स्थित एक मकबरा है | यह मकबरा शाह नवाज़ खां का मकबरा है | इसका निर्माण
स्थानीय लोंगों द्वारा 1622- 1623 ईस्वी में किया गया था | यह मकबरा ताज
महल की तरह दिखाई देता है , पर आकार में छोटा है | इसका निर्माण काले पत्थरों से
किया गया है | इस कारण इसे काला ताज कहा जाता है | ताज महल की तरह इसमें भी मीनारे
और गुम्बद बनाए गए हैं |
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5. असीरगढ़ किला कैसे पहुचें How to Reach Asirgarh Fort
असीरगढ़
किला एक प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है | ये एतिहासिक किला अपनी अनूठी
स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है | असीरगढ़ किला सड़क मार्ग ,रेल मार्ग ,और हवाई
मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है |
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असीरगढ़ किला हवाई जहाज़ से कैसे पहुंचे How to Reach Asirgarh Fort By Air
असीरगढ़ किले से सबसे निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में स्थित देवी अहिल्या
बाई होल्कर हवाई अड्डा है | यह हवाई अड्डा असीरगढ़ किले से लगभग 169
किलोमीटर दूर है | यहाँ से आप बस , कैब
के द्वारा असीरगढ़ किला पहुँच सकते हैं |
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असीरगढ़ किला ट्रेन से कैसे पहुंचे How to Reach Asirgarh Fort By Train
असीरगढ़ रेलवे स्टेशन किले से निकटतम रेलवे स्टेशन है | यह स्टेशन
किले से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | आप स्टेशन पहुँचने के बाद यहाँ से
टैक्सी या ऑटो से असीरगढ़ किला पहुँच सकते हैं|
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सड़क मार्ग से असीरगढ़ किला कैसे पहुंचे How to Reach Asirgarh Fort By Road
असीरगढ़ बुरहानपुर जिले में स्थित है | बुरहानपुर अन्य बड़े शहरों से
राष्ट्रिय और राज्य राजमार्गों से जुड़ा हुआ है | आप इन बड़े शहरों से बस ,कार ,
टैक्सी या कैब से असीरगढ़ किला पहुँच सकते हैं|
FAQ
Q.1. असीरगढ़ किला क्यूँ प्रसिद्ध है|
Ans. असीरगढ़ किला अपनी ख़ास संरचना के लिए प्रसिद्ध है| यह एक रहस्यमय किला है ,जिसमे खुदाई करने पर एक महल मिला .जो की 20 फिट गहरा है | इस महल में कई कमरे और जेल है |
Q.2. असीरगढ़ का युद्ध कब हुआ ?
Ans. अकबर ने 1599 में असीरगढ़ किले की ओर कूच किया और शहर पर कब्ज़ा कर लिया | कुछ समय तक किले का घिराव करने के बाद 1601 में असीरगढ़ किले में अकबर को विजय प्राप्त हुई |
Q.3. असीरगढ़ का किला किसने और कब बनाया था |
Ans. असीरगढ़ किले का निर्माण यादव वंश के क्षत्रीय राजा आशा अहीर ने 15 वी शताब्दी में करवाया था|