
जैसा कि आप लोग जानते हैं, की हमारे देश भारत का इतिहास काफी प्रभावशाली इतिहास रहा है ,जो कि समूचे विश्व में जाना जाता है,और अपनी एक अलग ही छाप छोड़ा है | यहां की जीवन शैली , संस्कृति और स्थापत्य कला लोगों को बहुत अधिक प्रभावित करती है | इसके साथ ही ऐसी आश्चर्यजनक ,रहस्यमय कहानी जुड़ी हुई है,जिन्हें लोगआज तक सुलझा नहीं पाए हैं | हम यहां एक ऐसे ही किले के बारे में बताने वाले हैं,जहां का इतिहास और स्थापत्य कला आपको आश्चर्यचकित कर देगा|Aesa Rahasymay Kila ,Jiske Nirman Ke Baad Yahan Koi Nahi Raha| यह किला भारत के मध्य प्रदेश राज्य के दतिया जिले में स्थित है|
यह खूबसूरत किला ग्वालियर झांसी हाईवे से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान अपनी और आकर्षित करता है| इस किले को वीर सिंह महल के नाम से जाना जाता है | इसका दूसरा नाम पुराना महल या सतखंडा महल भी है| इस हवेली की भव्यता और खूबसूरती के साथ-साथ इसका एक रहस्यमय इतिहास भी है | इस महल के निर्माण के बादशाही परिवार का कोई भी सदस्यइस महल में कभी नहीं रहा ,इस कारण यह हवेली बन जाने के बाद भी आज तक वीरान है | यहाँ हम इस किले के रहस्यमय इतिहास के बारे में जाने गे |
Aesa Rahasymay Kila ,Jiske Nirman Ke Baad Yahan Koi Nahi Raha 2025
1. इतिहास History

वीर सिंह देव बुंदेलखंड में दतिया राज्य के संस्थापक थे| वीर सिंह देव ने ही इस महल का निर्माण कराया था | 1614 ईस्वी में इस महल का निर्माण कार्य शुरू किया गया, इन्हें के नाम पर इस महल का नामवीर सिंह देव पैलेस रखा गया | वीर सिंह देव ने पूरे देश में ऐसे 52 महल का निर्माण कराया जिसमें यह महल सबसे बड़ा और भव्य है | यह पैलेस ग्वालियर शहर से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | इस पैलेस को दतिया पैलेस सतखंडा पैलेस दतिया महल और पुराना महल के नाम से भी जाना जाता है |
शासक वीर सिंह देव और मुगल सम्राट जहांगीर के बीच अच्छे संबंध थे | वीर सिंह देव ने सम्राट जहांगीर को स्वागत के लिए इस भव्य हवेली का निर्माण कराया ,जब बादशाह अकबर और जहांगीर के बीच सत्ता को लेकर मतभेद हुए तो शासक वीर सिंह देव ने जहांगीर का साथ दिया ,जिससे उनके बीच दोस्ती और गहरी हो गई | इस महल के निर्माण के बाद नाही वीर सिंह देव और ना ही मुगल शासक इस पैलेस में रह पाए | कोई भी शाही परिवार इस महल में नहीं रह पाया जिस कारण यह हमेशा वीरान ही रहा |
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2. शैली Style
वीर सिंह देव के शासनकाल के दौरान मुगल और बुंदेला राजाओं के बीच अच्छे संबंध होने के कारण स्वदेशी शैली को प्रभावित किया ,जिसे चंदेली के रूप में जाना जाता है | इस महल के निर्माण में राजपूत और मुगल शैली का मिश्रण देखने को मिलता है | इस महल के कुछ भाग में इंडो आर्यन शैली और इंडो सरसेनिक शैलियों का भी उपयोग किया गया है |
निर्माण Construction

यह महल दतिया के पश्चिम बाहरी इलाके में स्थित है, जो की एक पहाड़ी पर बनाया गया है | इस महल के निर्माण में 9 वर्ष समय लगा और 35 लख रुपए का खर्च आया | यह महल वीर सिंह देव के 52 महलों में से सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध महल है | इस महल को यात्री दूर से भी देख सकते हैं | इस महल को सतखंडा महल भी कहते हैं ,क्योंकि यह सात मंजिला महल है ,इसकी दो मंजिल जमीन के नीचे और 5 मंजिल जमीन के ऊपर है| यह महल पत्थर और ईंट से बनाया गया है | इसकी संरचना तीन स्तर पर की गई है | यह महल 80 मीटर वर्गाकार और 40 मीटर ऊंचा है | मध्य में एक टावर है और हालों का एक घेरा है | एक किला बंद बहरी दीवार बनाई गई है |
इस महल में 400 कमरे हैं, जो की बहुत ही भव्य तरीके से बनाए गए हैं | यहां आने वाले यात्री दीवारों और छतों की डिजाइनों की जटिल कारीगरी को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं ,जिन्हें बहुत सावधानी पूर्वक और योजना बाध्य तरीके से बनाया गया है | इस महल की दीवारों और छत पर बहुत ही खूबसूरत डिजाइन और कलाकृतियां बनाई गई हैं | इसके आगे के भाग में जटिल ब्रैकेट वाली बाल्कनियाँ बनाई गई हैं , जो कि उस समय कारीगरों की स्थापत्य कला का प्रमाण देती हैं | महल के चारों कोनों पर अष्टकोणी मीनार बनाई गई है ,जो की बहुत ही सुंदर दिखाई देती है |
महल की छतों पर खूबसूरत डायमंड आकार और फारसी कालीन की खूबसूरत डिजाइन दी गई है ,और दीवारों को फूलों के रंगों से रंगा गया है ,जो आने वाले यात्रियों को अपनी और आकर्षित करती हैं | इस संरचना को स्वास्तिक चिन्ह के आकार में बनाया गया है ,जिस सुंदरता के साथ इस महल का निर्माण किया गया है ,यह उसे समय की कुशल कारीगरी और निर्माण शैली को दर्शाता है |
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3. संरचना Structure
वीर सिंह पैलेस एक कुशल कारीगरी के बेजोड़ नमूने के साथ-साथ बहुत खूबसूरत परंतु बहुत जटिल संरचना है | कमरों को जोड़ने वाले गलियारे बहुत भव्य और कुशलता से बनाए गए हैं | खिड़कियों पर खूबसूरत जालियां हैं जिन्हें पत्थरों पर बारीक नक्काशी कर बनाया गया है | दीवारों और छात्रों पर बनाई गई खूबसूरत पेंटिंग आंगतुकों का मन मोह लेती है | सज्जे और बालकानियों में ख़ूबसूरती के साथ की गई कारीगरी बहुत दिलचस्प मालूम पड़ती है | यही कारण है कि यह महल अपनी बेमिसाल सुंदरता के कारण दर्शकों को अपनी और आकर्षित करता है |