Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

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                                           Taragarh Kila भारत के राजस्थान राज्य के बूंदी शहर में स्थित है|Taragarh Kila अरावली की ऊंची पहाड़ी नाग पहाड़ी पर बना एक खूबसूरत किला है| यह बूंदी का सबसे प्रमुख आकर्षण है| यह किला 1426 फिट की ऊंचाई पर एक कड़ी पहाड़ी पर बना है| इस किले में आपातकालीन स्थिति में बाहर निकलने के लिए कई सुरंगे बनाई गई हैं | इन सुरंगों का इस्तेमाल युद्ध के समय किया जाता था|

                Taragarh Kila राजपूत वास्तुकला का एक बेजोड़ नमूना है| आप इस किले में उस समय के कारीगरों की उल्लेखनीय शिल्प कला देख सकते हैं|इस किले  की इमारत में मुगल वास्तुकला का प्रभाव भी देखने को मिलता है|यह महल हाडा चौहान राजपूत महाराजाओं का निवास स्थान था| इस किले को राजस्थान का जिब्राल्टर भी कहा जाता है| 

 तारागढ़ किले का इतिहास History of Taragarh Fort

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

 

                     सर्वप्रथम इस किले का निर्माण राव देव हाडा ने 1298 ईस्वी में किया था| इसके बाद 1354  ईस्वी में राजा बर सिंह हाडा द्वारा इस किले का पुनः निर्माण कराया गया| 15वीं शताब्दी के अंत में मेवाड़ के राणा रायमल के पुत्र और राणा सांगा के बड़े भाई पृथ्वीराज ने तारागढ़ किले पर कब्जा कर लिया था |इस किले का नाम पृथ्वीराज की पत्नी ताराबाई के नाम पर रखा गया |यह किला मेवाड़ के नियंत्रण में रहा और बाद में राणा सांगा ने इसे करमचंद पवार को दे दिया |खानवा में मुगलों के साथ युद्ध में मुगल सेना की विजय हुई और इस किले  पर मुगलों ने कब्जा कर लिया |यह किला मुगल प्रांत के प्रशासनिक केंद्र के रूप में कार्य करता था |यह मुग़ल विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण सैन्य आधार था| इसके अलावा अगले 200 वर्षों तक शासको ने इस किले में अपने अनुसार अलग-अलग स्तर पर निर्माण कराया, जिसमें कई कमरों का निर्माण कराया गया|

                    राजस्थान के अन्य किलों के विपरीत इस किले पर मुगल वास्तुकला का प्रभाव कम ही देखने को मिलता है|यह किला राजपूत शैली का एक दुर्लभ उदाहरण है| इस किले की खास बात यह है, कि इस किले के निर्माण में बलुआ पत्थर के बजाय एक विशेष हरे रंग के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है| इस पत्थर के कठोर होने के कारण इस में बारीक नक्काशी का सहारा लेने के बजाय बूंदी के शासको द्वारा दीवारों और छतों को शानदार भित्ति चित्रों से ढका गया, जिससे इसकी खूबसूरती और अधिक बढ़ गई| यह किला अधिक ऊंचाई पर होने के कारण इसे जीत पाना उतना ही मुश्किल था| इस किले पर कई युद्ध हुए इस किले ने बहुत सेसाम्राज्यों का उत्थान और पतन देखा है|इस किले पर चौहान ,मुग़ल , मराठा और अंग्रेजों का शासन रहा है|

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  तारागढ़ किले की वास्तुकला  Architecture Of Taragarh Fort

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

 

                        तारागढ़ किला राजस्थानी राजपूत कारीगरी का बेहतरीन उदाहरण है| तारागढ़ किले की वास्तुकला राजपूत और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है| इस किले पर भारत के अन्य किलों के विपरीत इसमें मुगल शैली का प्रभाव कम ही देखने को मिलता है| यह किला राजपूत शैली का एक दुर्लभ उदाहरण है| यह अरावली पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी पर बनाया गया है| तारागढ़ फोर्ट में प्रवेश के लिए तीन द्वारा हैं ,जिसमें लक्ष्मी पोल ,फूटा दरवाजा गागुड़ी फाटक नाम से जाना जाता है| इस महल पर एक हाथी पोल भी है,जिसके दोनों और दो बड़े हाथियों की जोड़ी है| इस किले के भीतर बने महल शिल्प कला और भित्ति चित्रों के लिए जाने जाते हैं |इन महलों में छत्र महल ,अनिरुद्ध महल, रतन महल, बादल महल और फूल महल प्रमुख हैं |

                   इस किले की दीवार पर 14 बुर्ज थे सबसे बड़ा बुर्ज भीम बुर्ज के नाम से जाना जाता है |इसी बुर्ज पर कभी “गर्भ गुंजन” नामक एक बड़ी तोप रखी जाती थी| इस किले पर मीरां साहब की एक दरगाह भी है ,जिन्होंने 1202 ईस्वी में एक युद्ध के दौरान किले की रक्षा करते हुए अपनी जान गवा दी थी |1650 ईस्वी में सम्राट जहांगीर ने मीरां सैयद हुसैन की दरगाह में एक संगमरमर के पिंजरे का निर्माण कराया था| तारागढ़ किले का बहुत सा हिस्सा खंडार में बदल चुका है| इसके बाद भी यह किला अपनी पहचान बनाए रखा है| 

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 तारागढ़ किले में स्थित महल  Palace Located in Taragarh Fort

 छत्र महल 

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
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              तारागढ़ किले में स्थित क्षत्र महल सभी महलों से अधिक सुंदर है |इसका निर्माण राजा छत्रसाल ने वर्ष 1660 में करवाया था |इस महल का निर्माण पारंपरिक राजपूत शैली में किया गया है |इस महल के निर्माण में एक विशेष प्रकार के हरे रंग के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है |इस महल की दीवारों और छतों पर खूबसूरत भित्ति चित्र बनाए गए हैं| इन चित्रों में हिंदू देवी देवताओं को दर्शाया गया है |प्रत्येक कमरे में आप कला और शैली का अलग ही नमूना देख सकते हैं ,जिन्हेंबहुत ही खूबसूरती के साथ तैयार किया गया है| यह कला उस समय की जटिल और खूबसूरत कारीगरी को दर्शाती है |जिस कारण यह महल अधिक सुंदर दिखाई देता है |यह महल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है| 

 बादल महल

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

 

               तारागढ़ किले के भीतर स्थित बादल महल एक अति सुंदर महल है |जिसकी छतों और दीवारों को आकर्षक चित्रों द्वारा सजाया गया है| यह महल परिसर की सबसे ऊंची स्तर पर होने के कारण इसका नाम बादल महल पड़ा इसका निर्माण राव भोज सिंह द्वारा किया गया था| बादल महल में मुग़ल शैली का इस्तेमाल किया गया है | इन खूबसूरत चित्रों में धार्मिक ,हाथियों की लड़ाई और राजाओं को शिकार करते दिखाया गया है| इन चित्रों को बनाने में खनिजों, सब्जियां ,कीमती पत्थरों, सोनी और चांदी से प्राप्त प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है |

 अनिरुद्ध महल 

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

 

           अनिरुद्ध महल का निर्माण महाराजा अनिरुद्ध ने 1679 में कराया था| यह महल तारागढ़ के महलों में से एक है | राजपूत वास्तुकला से निर्मित यह महल अपनी खूबसूरत शैली से लोगों को अपनी और आकर्षित करता है |बाद में इस महल को जनाना महल में बदल दिया गया था| 

 फूल महल 

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
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            फूल महल फुल सागर झील के पास बना एक विशाल महल है |यह अन्य महलों से अपेक्षाकृत आधुनिक इमारत है |इसका निर्माण महाराजा बहादुर सिंह द्वारा 1945 में किया गया था| इस महल में भी अन्य महलों की तरह दीवारों और छतों को खूबसूरत पेंटिंग से सजाया गया है| 

  गर्भ गुंजन 

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

 

               गर्भ गुंजन एक विशाल आकार की तोप है ,जिसे किले के भीम बुर्ज पर रखा गया है| यह तो अपने विशाल आकार और मारक क्षमता से शत्रुओं को अचंभित कर देती थी| इस गर्भ गुंजन इसलिए कहा जाता है ,कि जब यह तोप चलती थी तो इसकी आवाज चारों ओर गूँज जाती थी| 16 वीं शताब्दी में यह टॉप कई बार चलाई गई थी ,पर वर्तमान में यह तोप सिर्फ प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है| 

 तारागढ़ किले में स्थित तालाब  Pond Located in Taragarh Fort

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
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                इस किले में पानी को एकत्रित करने के लिए तीन तालाब बनाए गए थे |यह तालाब उस समय की इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना हैं |इन तालाबों में वर्षा का जल एकत्रित किया जाता था ,और उसका उपयोग संकट काल में निवासियों की जरूरत के लिए इस्तेमाल किया जाता था |इन जलाशय के आधार में चट्टान होने के कारण पानी यहां साल भर सूखता नहीं था |

 तारागढ़ किले का प्रवेश शुल्क और समय  Taragarh Fort Entry Fee And        Timing

            तारागढ़ किला घूमने का समय सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक रहता है |यहां का प्रवेश शुल्क ₹100 है कैमरा और वीडियो के लिए ₹50 और ₹100 से देना पड़ता है |

 बूंदी में घूमने के लिए अन्य स्थल  Other Places To Visit In Bundi

  • मोती महल
  • गढ़ पैलेस
  • सुख महल
  • 84 खभों की छतरी
  • भौराजी का कुंड
  • नवल सागर झील
  • शिकार बुर्ज
  • सीढ़ीदार कुँए 
  • मुख्य बाजार

 बूंदी में घूमने का सबसे अच्छा समय  Best Time To Visit Bundi

Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025
Taragarh Kila Jise Bhula Diya Gaya | तारागढ़ किला जिसे भुला दिया गया 2025

 

               इस शहर में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है |इस समय यहां का मौसम बहुत ही सुहावना होता है |क्योंकि इस समय शहर का तापमान अधिक नहीं होता ,यहां का तापमान लगभग 22  से 25 डिग्री सेल्सियस तक होता है |यहाँ बारिश भी बहुत कम होती है| गर्मी के मौसम में यहां घूमने का सुझाव नहीं दिया जा सकता ,गर्मी में यहां का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है ,जिस कारण यहां घूमना उचित नहीं है|

 बूंदी में कहां ठहरे Where to Stay in Bundy

 

                 बूंदी शहर में सभी वर्गों के ठहरने के लिए लो बजट से लेकर हाई बजट तक होटल उपलब्ध है | आप अपनी सुविधा के अनुसार इन होटल का चयन कर सकते हैं | हवेली बृजभूषणजी देव निवास, हाड़ोती पैलेस,,नवल सागर पैलेस, उम्मेद बाग रिजॉर्ट जैसे होटल पर अवश्य ठहरना चाहिए| यह शहर के कुछ बेहतरीन होटल विशाल कमरे शानदार साज सज्जा और असाधारण सेवाएं भी उपलब्ध हैं | कसेरा पैराडाइज ,कसेरा हेरिटेज होटल ,प्रतापगढ़ हवेली ,मध्यम श्रेणी के होटल हैं , जो लोगों पर प्रभावशाली तरीके से सेवा प्रदान करते हैं| 

 बूंदी कैसे पहुंचे How to Reach Bundy

  •  रेल मार्ग द्वारा बूंदी कैसे पहुंचे : कोटा जंक्शन बूंदी का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है | भारत के सभी प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई,जयपुर,इलाहाबाद,कोलकाता आदि से कोटा तक ट्रेन उपलब्ध हैं | रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या बस के द्वारा बूंदी पहुंच सकते हैं|
  • सड़क मार्ग द्वारा बूंदी कैसे पहुंचे: बूंदी शहर राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है | यहां का सबसे निकटतम बस स्टॉप अजमेर बस स्टॉप है| आप बस या टैक्सी के द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं|
  • वायु मार्ग द्वाराबूंदी कैसे पहुंचे: किशनगढ़ हवाई अड्डा बूंदी से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | हवाई अड्डा पहुंचने के बाद आप निजी टैक्सी या बस के माध्यम से बूंदी पहुंच सकते हैं |

 

 

FAQ

Q.1 तारागढ़ किला क्यों प्रसिद्ध है?

     तारागढ़ किला राजपूत वास्तुकला और शैली का अनूठा उदाहरण है | इसके महलों में बनाई गई खूबसूरत पेंटिंग अन्य महलों की तुलना में बहुत ही अलग हैं |यह किला हाडा राजपूत राजाओं का निवास स्थान था |

Q.2 तारागढ़ किले का दूसरा नाम क्या है?

       तारागढ़ किले का दूसरा नाम अजयमेरु दुर्गा है |इस किली को राजस्थान का जिब्राल्टर भी कहा जाता है |

Q.3 बूंदी का किला किसने बनाया था?

      सर्वप्रथम इस किले का निर्माण राव देव हाडा ने 1298 ईस्वी में किया था |यह अरावली पर्वत की सबसे ऊंची चोटी नाग पहाड़ी पर बना है|


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